लॉकडाइन के दौरान जहां कुछ युवा गेम्स और पबजी आदि खेलकर अपना समय बिना रहे हैं वहीं कई युवा ऐसे हैं जो दूसरों के लिए मिसाल बन रहे हैं। यह युवा गेम्स आदि खेलकर समय बिताने के बजाए लोगों की मदद करने में लगे हैं। कई अपनी पॉकेटमनी से पैसे खर्च करके जरूरतमंदों की मदद कर रहा है तो कोई अपनी कमाई की बचत से खर्च कर रहा है। 15000 की पॉकेटमनी की खर्च कर बांट रहे राशन क्रासिंग रिपब्लिक में रहने वाले दो युवा पंडित देव शर्मा और ध्रूव अग्रवाल ने अपनी तीन महीने की पॉकेटमनी खर्च करके लोगों के लिए बिस्किट, फ्रूटी, ब्रेड और पानी आदि का इंतजाम कर रहे हैं। देव शर्मा ने बताया कि उनके पापा प्रोपर्टी डीलर हैं और वह खुद 12वीं में पढ़ते हैं। पिछले दो तीन दिन से हमलोग लोगों को सड़कों पर भटकते हुए और पैदल खर जाते हुए देख रहे थे तो हमें भी कुछ करने की इच्छा हुई। इसलिए उन्होंने अपनी पॉकेटमनी खर्च करने की सोची। मेरे साथ मेरा दोस्त ध्रूव जो 12वीं पास कर चुका है। दोनों ने अपनी पाकेटमनी से सभी चीजें खरीदीं और आरडब्ल्यूए के पास ले गए। वहां सभी चीजें एकत्र करके हमलोगों ने लालकुआं, राहुल विहार , विजनगर बाईपास के पास लोगों को बांटा। देव ने बताया कि इससे पहले भी वह तीन दोस्त जिसमें अभिषेक गुजर भी शामिल हैं लोगों को मास्क और सेनिटाइजर आदि बांट चुके हैं। --------- 'भूखा नहीं रहने देंगेÓ मुहीम चला रहे फस्र्ट स्टार क्लब के युवा फस्र्ट स्टार क्लब के युवा भी इस समय घर में रहकर क्रिएटिव कार्य कर रहे हैं। वह घर में रहकर खाना बनवाकर जरूरतमंदों को बांट रहे हैं। इसके झुग्गी-झोपडिय़ों में जाकर लोगों को जागरूक कर रहे हैं कि कैसे साफ-सफाई रखें, क्यों जरूरी है दूरी रखना, कैसे संक्रमण फैलता है और कैसे बचाव करें। इसके अलावा साबुन, मास्क आदि भी बांट रहे हैं। इस टीम में स्वदेश यादव, आदित्य कौशिक, सूरज गर्ग सहित अन्य शामिल हैं। स्वदेश ने बताया कि हमनें किसी को भूखा नहीं सोने देंगे मुहीम चलाई है। लोगों से अपील करते हैं कि वह घरों से खाना बनाकर दें हम उसको बांटेंगे। ------------- माता का जागरण कर बचाए पैसे आलोक एंड पार्टी के आलोक शर्माआम दिनों में माता की चौकी का आयोजन करते हैं और भजन कीर्तन करते हैं। हालांकि इस बार नवरात्र में उनके सभी कार्यक्रम कैंसिल हो गए लेकिन फिर भी उन्होंने अपने बचत के पैसों में से अपने आसपास के जरूरमंदों की मदद कर रहे हैं। आलोक राजनगर एक्सटेंशन में रहते हैं और घरों में काम करने वाले कामगारों, मजदूरों आदि के घरों में जाकर राशन का पता करते हैं और फिर उनको राशन मुहैया करा रहे हैं।
लॉकडाउन के दौरान युवा बन रहे मिसाल